Sunday, August 11, 2013

रात भर

पिघली है साथ मेरे, वो शमा रात भर
रोशन हुआ है मेरा , जहाँ रात भर

छूकर उसे चली जो हवा, मदहोश हो गई
फैली थी उसकी खुशबू ,यहाँ रात भर

देखा जो माहताब ने, तो सितारों से कह दिया
बातें जहाँ से छुपती , ये कहाँ रात भर 

Saturday, October 29, 2011

ख्वाब

ख्वाब देखा या तेरा चेहरा देखा
राज़ नजरों से कोई गहरा देखा

उनकी नजरों को जानता हु मैं
जिन पर जुल्फों का पहरा देखा

मिलते ही नाम बताया उसने
हमने उसको इस तरह देखा

मैंने देखा उसे उसके जाने तक
यारों ने वक्त को ठहरा देखा

Sunday, October 16, 2011

उनकी नजरों का असर नहीं होता
क्या करे अब सबर नहीं होता

दिल है मुश्ताक उनसे कहने को
क्या करें पर जिगर नहीं होता

उनकी बातों में ज़िक्र मेरा है
क्या करें इश्क मगर नहीं होता

जाम छुता तो है होठो से
क्या करें कुछ असर नहीं होता

Wednesday, October 5, 2011

सफ़र

कहाँ ले चली हमें जिंदगी
कहाँ ले चले हमको अपने दीवाने
गुज़रती रही उन राहों पर
जहाँ पर कभी थे अपने ठिकाने

कभी तो थे मौसम घटाओ से नम
कभी तो बहारों पर छाए थे हम
जो गुज़रे कभी ख्वाबों से हम
हकीकत बने जाने कितने फ़साने

कभी साथ अपने साए चले
कभी चलते चलते रात ढले
सफ़र की कोई मंजिल नहीं
बस कुछ नए ढूंढ़ लेते बहाने

Sunday, July 3, 2011

मुहब्बत

तुमने मुहब्बत को छुपाया तो नहीं
पर मेरा नाम गैरों को बताया तो नहीं

ये तो रिश्तो को भी समझते है सौदा
खो दिया खुद को कुछ भी पाया तो नहीं

तुमने सारी कबूल की शर्तें
रिश्ता लेकिन कोई बनाया तो नहीं

Wednesday, June 29, 2011

देखा तुम्हे तो मुझको लगा आइना हो तुम
ख्वाब हो हकीकत हो बोलो क्या हो तुम

तुमको तो जानते है सारे शहर के लोग
घर किस गली में है रहते कहाँ हो तुम

ऐ यार लूटते हो सारे जहाँ का दिल
अपना दिल छुपा कर रखते कहाँ हो तुम

Saturday, May 14, 2011

थोड़ी राह देखूंगा मैं
थोड़ी राह जाऊंगा मैं
तेरे पास आऊंगा मैं वहां

शामें जहाँ हो अधूरी
रात में हो थोड़ी दुरी
चाहे जहाँ साथ ना हो
साथ तेरा है ज़रूरी

थोड़ी रीत निभाऊंगा
थोड़ी प्रीत निभाऊंगा
तेरे पास मैं आऊंगा वहां

थोड़ी थोड़ी यादें लेकर
थोड़ी ग़म की रातें लेकर
लम्हे जिंदगी के चुराकर
खुश हु मैं तुम्हे पाकर

तुम्हे युही चाहुंगा
तुम्हे युही पाऊंगा
तेरे पास मैं आऊंगा वहां