ghazal
मेरी कुछ रचनायें आप सभी के लिए
Wednesday, December 29, 2010
अपनी कहानी
बहुत छोटी सी भूल कर बैठा मैं नादानी मे
इश्क़ मशहूर कर बैठा अपनी बदगुमानी मे
सुना था कुछ तजुर्बों मे समंदर राज़ रखता है
जिसे समझा था मोती घुल गया पानी मे
उनके बाद भी वही होता वो ना होते तो जो होता
कहाँ अपना ज़िक्र होता खुद अपनी कहानी मे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment