हम और तुम कुत्ते की दुम
टेढ़ी कतार लगाएं खड़े है
अपनी ही दुम के पीछे पड़े है
चाहते है दुम को काटें और दर्द हो तो चाटें
काटते है चाटते है दर्द अपना बाँटते है
दुम पर अपनी घाव है पर काटने का चाव है
काटने मैं दर्द है घाव कितना सर्द है
कुछ भी हो नहीं अब दुम को काटेंगे
नहीं अब अपने ही काटे को चाटेंगे
कुछ भी हो नहीं अब घाव हम देंगे
दुम कितनी भी लहराए नहीं अब भाव हम देंगे
चाहे दुम झुके या दुम ही तन जाये
चाहे दुम हिले या दुम ही लहराए
चाहे हो दुम हमारी कितनी भी मोटी
कितनी भी लम्बी कितनी भी छोटी
दुम हमारी है दुम को कैसे काटेंगे
दुम हमारी है दुम को कैसे काटेंगे
इस दुम को न काटा
तो किस काटे को चाटेंगे
Monday, April 18, 2011
फरियाद
मिल जाओ अगर तो है मुश्किल हम देखें तुम्हे के याद करें
याद आओ अगर तो मुमकिन है हम रोएं और फरियाद करें
यादें तेरी सुलगा सुलगा क्यों खोएं अपनी साँसों को
हम भूल कर तुमको ए सनम फिर दिल अपना आबाद करें
ये सासें रह रह चलती है और याद तेरी आ जाती है
ये खेल पुराना ख़त्म करें और मौत की हम फरियाद करें
याद आओ अगर तो मुमकिन है हम रोएं और फरियाद करें
यादें तेरी सुलगा सुलगा क्यों खोएं अपनी साँसों को
हम भूल कर तुमको ए सनम फिर दिल अपना आबाद करें
ये सासें रह रह चलती है और याद तेरी आ जाती है
ये खेल पुराना ख़त्म करें और मौत की हम फरियाद करें
शाम ले आओ तुम
शाम ले आओ तुम जाम ले आयें हम ज़िन्दगी की ये महफ़िल सज जाएगी
चाहे कुछ ना कहो यूँ ही बैठी रहो वक्त की ये नदी यूँ ही थम जाएगी
जब मुखातिब रहो कुछ मुनासिब रहो मुस्कराहट से सोचो क्या होगा बयां
तुम छुपाती रहो दिल के जज्बात को पर तुम्हारी हसी सब ये कह जाएगी
दिल के जज्बात को इन से कर दो बयां ये फूल और परिंदे सभी है गवाह
लोट कर अपने घर जो परिंदे गए शाम भी अपने घर को चली जाएगी
चाहे कुछ ना कहो यूँ ही बैठी रहो वक्त की ये नदी यूँ ही थम जाएगी
जब मुखातिब रहो कुछ मुनासिब रहो मुस्कराहट से सोचो क्या होगा बयां
तुम छुपाती रहो दिल के जज्बात को पर तुम्हारी हसी सब ये कह जाएगी
दिल के जज्बात को इन से कर दो बयां ये फूल और परिंदे सभी है गवाह
लोट कर अपने घर जो परिंदे गए शाम भी अपने घर को चली जाएगी
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