Monday, April 18, 2011

फरियाद

मिल जाओ अगर तो है मुश्किल हम देखें तुम्हे के याद करें
याद आओ अगर तो मुमकिन है हम रोएं और फरियाद करें

यादें तेरी सुलगा सुलगा क्यों खोएं अपनी साँसों को
हम भूल कर तुमको ए सनम फिर दिल अपना आबाद करें

ये सासें रह रह चलती है और याद तेरी आ जाती है
ये खेल पुराना ख़त्म करें और मौत की हम फरियाद करें

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